निशब्द बातें,
धुंधली यादें,
बोझिल नींद,
बचपन की चहक में
भूली बिसरी रातें ..
पानी की टिप-टिप,
घड़ी की टिक-टिक,
चिल्लाता सन्नाटा,
कुछ बनने की चाह में
जगती रातें...
खुशबू सोंधी- सोंधी,
बारिश हल्की- हल्की,
गर्म सांसें, ख्वाब पलछिन,
प्यार की सरगोशी
चुटकी में गुजरती रातें...
कचौटता बिस्तर,
टांडे पांव, ठंडी नाक,
नींद भरी आँखें,
जिदगी की ढलान पर,
लम्बी सर्द रातें...
nice to see hindi poem, i remember my school days when i used to struggle with hindi poems.....and liked the purple tree....
ReplyDeletethanks jaan-e-mann...and i know u wud hav understood the bhawarth of this kavita too!!!
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