Friday, June 22, 2012

Shayad

एक वक़्त था जब..

इन आँखों में
हज़ार सपने
पल में उबला करते थे

अनजान राहों पे 
चलते-बेवजह 
मुस्कुराया करते थे

एक झलक की तरस में,
रातें 
करवटों में काटा करते थे

तुम्हारी सासों की 
रफ़्तार में, 
अपनी सासें बाँधा करते थे

राशन जो लगी थी,
आहें भी 
ख़ामोशी से भरते थे

दर्द में कशिश थी ऐसी 
की हर सांस 
तुम पर मरते थे

हाय! प्यार सा कुछ,
शायद
हम तुमसे करते थे


p.s: ये कल की ही बात है ;)

4 comments:

  1. Thanks but i like your fb comment more!!

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  2. 1.ek waqt tha...aur wo waqt bas kal hi to tha... relativity!!!
    2.I donno actually: bas mann kiya!!

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